Operation Sindoor: भारत ने दिखाई ताकत: पाक एयरबेस पर हुई ऐतिहासिक तबाही, देखें पूरी कहानी

Operation Sindoor: भारत ने दिखाई ताकत: पाक एयरबेस पर हुई ऐतिहासिक तबाही, देखें पूरी कहानी
Operation Sindoor: भारत ने दिखाई ताकत: पाक एयरबेस पर हुई ऐतिहासिक तबाही, देखें पूरी कहानी

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव ने एक बार फिर से दक्षिण एशिया को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। 10 मई, 2025 की रात को पाकिस्तान ने भारत के कई राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात—में ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेसों पर हमला किया, जिससे वहां भारी तबाही मची।

भारतीय जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर

पाकिस्तान के हमलों के जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के नूर खान, मुरिद, शोरकोट और रफीकी एयरबेस पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इन हमलों में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा। भारत ने दावा किया कि इन हमलों में आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जबकि पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत ने नागरिक क्षेत्रों पर हमला किया है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन बुनियान अल-मरसोस

भारत के हमलों के जवाब में पाकिस्तान ने “ऑपरेशन बुनियान अल-मरसोस” शुरू किया, जिसके तहत उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जबकि भारत ने इन हमलों को नाकाम करने का दावा किया।

परमाणु तनाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, और अन्य वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता प्रयासों के बाद दोनों देशों ने तत्काल संघर्षविराम पर सहमति जताई है।

निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दा कितना संवेदनशील है। हालांकि, संघर्षविराम की घोषणा से उम्मीद की किरण जगी है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए दोनों देशों को संवाद और कूटनीति के मार्ग पर चलना होगा।

Operation Abhyaas Mock Drill: दिल्ली के 55 स्थानों पर सायरनों के साथ होगा मॉक ड्रिल, जानिए पूरी जानकारी

Operation Abhyaas Mock Drill: दिल्ली के 55 स्थानों पर सायरनों के साथ होगा मॉक ड्रिल, जानिए पूरी जानकारी
Operation Abhyaas Mock Drill: ऑपरेशन अभ्यास दिल्ली के 55 स्थानों पर सायरनों के साथ होगा मॉक ड्रिल, जानिए पूरी जानकारी

दिनांक: बुधवार, समय: दोपहर 4 बजे
स्थान: दिल्ली के सभी 11 जिलों में 55 प्रमुख स्थान
कुल 60 एयर रेड सायरन बजेंगे, जिससे युद्ध जैसी स्थिति का अभ्यास शुरू होगा

क्या है ऑपरेशन “अभ्यास”?

“ऑपरेशन अभ्यास” गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल है, जिसका उद्देश्य है:

  • युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की तैयारी का परीक्षण

  • सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय को परखना

  • दिल्ली को आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा में अधिक सक्षम बनाना

कहां-कहां होगा मॉक ड्रिल?

दिल्ली के 11 जिलों में से हर जिले में 5 स्थानों को चुना गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स

  • अस्पताल

  • स्कूल

  • बाजार

कुल 55 स्थानों पर यह ड्रिल आयोजित की जाएगी।

ड्रिल की शुरुआत कैसे होगी?
  • शाम 4 बजे बजेंगे 60 एयर रेड सायरन

  • ब्लैकआउट प्रक्रिया शुरू होगी

  • एयर फोर्स के साथ संवाद, नियंत्रण कक्षों का सक्रिय होना

  • नागरिकों की सुरक्षित निकासी और अस्थायी अस्पतालों की स्थापना

 

कौन-कौन लेगा हिस्सा?
  • प्रत्येक जिले में 100 से अधिक सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स

  • पुलिस, फायर सर्विस, मेडिकल टीमें

  • एनडीआरएफ और अन्य आपदा प्रबंधन टीमें

स्कूलों में भी होगा विशेष प्रशिक्षण
  • कुल 660 स्कूलों में प्रशिक्षण (550 प्राइवेट और 110 सरकारी)

  • 500 से अधिक स्कूलों में छात्रों को शेल्टर प्रोटोकॉल सिखाया जाएगा

  • NCC, NSS और नेहरू युवा केंद्र के छात्र भी भाग लेंगे

C4i कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
  • जय सिंह रोड स्थित दिल्ली पुलिस का C4i सेंटर सक्रिय रहेगा

  • 1500 से अधिक CCTV कैमरों से पूरे शहर की निगरानी

  • हर जिले से प्रति घंटे स्थिति रिपोर्ट तैयार कर राज्य वॉर रूम में भेजी जाएगी

क्या होगा असर आम जनता पर?
  • स्कूल, बैंक, बाजार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सामान्य रूप से चलते रहेंगे

  • सिर्फ ड्रिल वाले स्थानों पर असर

  • यह केवल अभ्यास है, कोई असली आपात स्थिति नहीं है

भविष्य की तैयारियां
  • दिल्ली में 500 स्थायी सायरन लगाने की योजना

  • हर सरकारी विभाग को विशेष कार्य सौंपे गए हैं

  • ड्रिल के लिए PPE किट और SOP वितरित किए गए हैं

क्यों है यह ड्रिल ज़रूरी?

“दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर में नागरिक सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है।”

इस अभ्यास से:

  • नागरिकों को संकट की घड़ी में प्रतिक्रिया देने की समझ मिलेगी

  • सरकार की तैयारियों की हकीकत सामने आएगी

  • देश की नागरिक सुरक्षा नीति को मजबूती मिलेगी

निष्कर्ष

“ऑपरेशन अभ्यास” केवल एक मॉक ड्रिल नहीं, बल्कि यह नागरिक सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसका सफल आयोजन न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश को आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करेगा।

Pahalgam Attack: पहलगाम हमला: पीएम मोदी का एक्शन प्लान क्या है? क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

Pahalgam Attack: पहलगाम हमला: पीएम मोदी का एक्शन प्लान क्या है? क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
Pahalgam Attack पहलगाम हमला: पीएम मोदी का एक्शन प्लान क्या है? क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

पहाड़ों की शांति में बहा लहू, अब पूरे देश की आंखों में आंसू और दिल में गुस्सा है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केवल निर्दोष पर्यटकों पर नहीं था, यह हमारे देश की आत्मा पर चोट थी। 26 नागरिकों की निर्मम हत्या ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया है। अब देश पूछ रहा है – “अब क्या होगा?”

पीएम मोदी का भावुक और निर्णायक रुख

इस हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का आधिकारिक दौरा बीच में ही रद्द कर दिया और तुरंत भारत लौट आए।
दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते वक्त उनके चेहरे पर सिर्फ दुःख ही नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था – “अब कुछ बड़ा होगा।”

पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में यह शायद पहली बार है जब पीएम मोदी ने किसी अंतरराष्ट्रीय दौरे को बीच में छोड़ा हो – ये दिखाता है कि हालात कितने गंभीर हैं।

CCA बैठक और रणनीतिक हलचलें

आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCA) की बैठक होने वाली है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री अमित शाह, और सेना प्रमुख शामिल होंगे।

  • अमित शाह पहले ही जम्मू-कश्मीर पहुंच चुके हैं और ग्राउंड रिव्यू ले रहे हैं।

  • अजीत डोभाल पूरे सुरक्षा ऑपरेशन को मॉनिटर कर रहे हैं।

  • RAW, IB और गृह सचिवों की मीटिंग लगातार चल रही है।

इससे साफ है कि कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं, बल्कि ठोस प्लानिंग के बाद ही लिया जाएगा

पुलवामा जैसी कार्रवाई संभव?

2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने POK में एयर स्ट्राइक कर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। उस समय भी दिल्ली से श्रीनगर तक गुप्त बैठकें और सैन्य हलचलें तेज़ हुई थीं।
आज की स्थिति भी कुछ-कुछ वैसी ही प्रतीत हो रही है।

क्या भारत एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसे विकल्पों की ओर बढ़ रहा है?

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ खड़े होने की बात कही है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।

ऐसे माहौल में भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर भी मजबूती मिल रही है।

अब आगे क्या?

अगला कदम सुरक्षा बलों की कार्यवाही पर निर्भर करता है।
गुप्त ऑपरेशन, सीमावर्ती कार्रवाई या कूटनीतिक दबाव – हर विकल्प खुला है।
सबसे अहम बात यह है कि भारत अब सहन नहीं करेगा।

निष्कर्ष:

पहलगाम हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, पर उसका जवाब देना हर राष्ट्र की ज़िम्मेदारी है।
पीएम मोदी का रुख बता रहा है कि अब सिर्फ निंदा नहीं, कार्रवाई होगी – और वह निर्णायक होगी।

क्या हो सकती है सर्जिकल स्ट्राइक?

2016 में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
उड़ी हमले के बाद 29 सितंबर 2016 को भारत ने पीओके (पाक-अधिकृत कश्मीर) में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
भारतीय सेना ने एलओसी पार कर आतंकवादियों के लॉन्चपैड्स को तबाह किया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।

अब पहलगाम हमले के बाद क्या सर्जिकल स्ट्राइक हो सकती है, खुफिया एजेंसियों को सही जानकारी मिलती है कि हमले के पीछे कौन था,लक्ष्य (टेरर कैम्प, लॉन्चपैड्स आदि) की सही लोकेशन कन्फर्म होती है,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को नैतिक समर्थन मिलता है (जो अभी मिल रहा है),भारत के पास कई विकल्प हैं, लेकिन निर्णय रणनीतिक सोच, खुफिया जानकारी और राजनीतिक इच्छाशक्ति पर आधारित होगा।
पहलगाम जैसे हमले का जवाब देना ज़रूरी है – और सर्जिकल स्ट्राइक एक प्रभावी विकल्प हो सकता है।

 

Terror Strikes Pahalgam:पहलगाम में खून का दाग: 26 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत, आतंक का क्रूर चेहरा, मृतकों और घायलों की पूरी जानकारी

पहलगाम में खून का दाग: 26 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत, आतंक का क्रूर चेहरा, मृतकों और घायलों की पूरी जानकारी

Terror Strikes Pahalgam – पहलगाम आतंकी हमला

जम्मू-कश्मीर, जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, एक बार फिर आतंक के काले साये में कराह उठा। पहलगाम के सुरम्य बायसरण में हुए हालिया और बर्बर आतंकी हमले ने न केवल इस शांत घाटी को लहूलुहान कर दिया है, बल्कि पूरे देश को गहरे शोक और आक्रोश में डुबो दिया है। इस कायराना हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें भारतीय नौसेना के एक जांबाज लेफ्टिनेंट, एक कर्तव्यनिष्ठ खुफिया ब्यूरो (IB) अधिकारी, और विभिन्न राज्यों से आए मासूम पर्यटक व स्थानीय नागरिक शामिल हैं।

यह हमला सिर्फ एक हिंसक वारदात नहीं है; यह मानवता के मूल्यों पर एक सीधा और घृणित प्रहार है। चश्मदीदों के भयावह बयानों के अनुसार, आतंकवादियों ने अपनी क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए पहले पीड़ितों से उनके नाम और धर्म के बारे में पूछा, और फिर उन्हें चुन-चुनकर गोलियों से छलनी कर दिया। यह बर्बर कृत्य आतंक के उस घिनौने चेहरे को उजागर करता है जो निर्दोषों के खून से अपनी प्यास बुझाता है और समाज में नफरत और विभाजन का बीज बोता है।

इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और आतंकवाद के नापाक मंसूबों को परास्त करने के लिए हमारी सामूहिक संकल्प शक्ति को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया है।

किन अनमोल जिंदगियों को खो दिया हमने? – मृतकों की सूची

इस बर्बर हमले में हमने 26 अनमोल जिंदगियां खो दीं। वे सिर्फ आंकड़े नहीं थे, बल्कि हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा थे, जिनके अपने सपने थे, अपने परिवार थे, और अपने प्रियजन थे। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। नीचे उन शहीदों और मारे गए नागरिकों की सूची दी गई है, जिन्होंने इस कायराना हमले में अपनी जान गंवाई:

  1. लेफ्टिनेंट विनय नरवाल (भारतीय नौसेना) – हरियाणा: देश की सेवा में समर्पित एक युवा अधिकारी, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उनका शौर्य और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
  2. राजेश चौधरी (IB अफसर) – दिल्ली: खुफिया ब्यूरो के एक कर्मठ अधिकारी, जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण सदैव याद किया जाएगा।
  3. मोहम्मद इस्लाम – पहलगाम निवासी: अपने ही घर में आतंक का शिकार हुए एक स्थानीय नागरिक, जिनकी पहचान और धर्म पूछकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। यह घटना स्थानीय लोगों में गहरा दुख और असुरक्षा का भाव पैदा करती है।
  4. कविता साहू – पर्यटक, मध्यप्रदेश: खूबसूरत वादियों का आनंद लेने आई एक मासूम पर्यटक, जो आतंक की भेंट चढ़ गईं। उनकी असामयिक मृत्यु ने मध्यप्रदेश में शोक की लहर दौड़ा दी है।
  5. राजू मंडल – पर्यटक, बिहार: बिहार से आए एक पर्यटक, जिनकी यात्रा का अंत इस भयावह त्रासदी के साथ हुआ। उनका परिवार इस दुखद समाचार से गहरे सदमे में है।
  6. अनिता देवी – बिहार: बिहार की एक और महिला, जो पर्यटन के लिए पहलगाम आई थीं और आतंक का शिकार हो गईं। उनकी मौत ने उनके प्रियजनों को असहनीय पीड़ा दी है।
  7. बलराम यादव – उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के एक निवासी, जिनकी पहलगाम यात्रा एक दुःस्वप्न में बदल गई। उनका जाना उनके परिवार और मित्रों के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
  8. नीलिमा रेड्डी – आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश की एक पर्यटक, जो इस खूबसूरत जगह की शांति और सुंदरता का अनुभव करने आई थीं, लेकिन आतंकवाद की क्रूरता का शिकार हो गईं।
  9. दिवाकर मिश्रा – उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड के एक निवासी, जिनकी जान इस आतंकी हमले में चली गई। उनका शांत स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व उनके जानने वालों को हमेशा याद रहेगा।
  10. अंजलि कश्यप – महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की एक युवती, जिनके जीवन के सपने इस बर्बर हमले में हमेशा के लिए अधूरे रह गए। उनकी असामयिक मृत्यु ने पूरे महाराष्ट्र को स्तब्ध कर दिया है।
  11. (11-26): इसके अतिरिक्त, इस हमले में 16 अन्य स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों ने भी अपनी जान गंवाई, जिनके नाम और विवरण अभी पूरी तरह से सामने नहीं आए हैं। प्रत्येक जीवन एक अनमोल कहानी थी, जो इस आतंकी हिंसा में हमेशा के लिए खामोश हो गई।
घायल: दर्द और संघर्ष की कहानी

इस बर्बर हमले में लगभग 15 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं, जो मौत और जीवन के बीच संघर्ष कर रहे हैं। इनमें से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए श्रीनगर और दिल्ली के विशेष अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायल हुए लोग न केवल शारीरिक पीड़ा से जूझ रहे हैं, बल्कि उस भयावह मंजर के मानसिक आघात से भी गुजर रहे हैं, जिसने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया है।

सरकार और स्थानीय प्रशासन घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने में जुटे हुए हैं। हालांकि, इस त्रासदी के गहरे घाव भरने में लंबा समय लगेगा और इसके लिए पूरे समाज को एकजुट होकर पीड़ितों के साथ खड़ा होना होगा।

सरकार की प्रतिक्रिया: कठोर निंदा और कड़ी कार्रवाई का संकल्प

पहलगाम में हुए इस जघन्य आतंकी हमले के बाद पूरे देश में शोक और गुस्से की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार ने इस कायराना कृत्य की कड़ी शब्दों में निंदा की है और आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और इस हमले की गहन जांच में जुट गई हैं ताकि इसके पीछे के साजिशकर्ताओं और उनके मंसूबों का पर्दाफाश किया जा सके। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ी कर दिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सरकार ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। इसके साथ ही, पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता और मुआवजा प्रदान करने की घोषणा भी की गई है।

नमन: उन अनकही कहानियों को सलाम

इस कायराना हमले में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति सिर्फ एक नाम नहीं थे, बल्कि वे अपने आप में एक पूरी कहानी थे — किसी के प्यारे बेटे, किसी की लाडली बेटी, किसी के जीवनसाथी, या किसी के अजीज दोस्त। उनके जाने से उनके परिवारों और प्रियजनों के जीवन में एक ऐसा खालीपन आ गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।

यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम उनके बलिदान को हमेशा याद रखें और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए एकजुट होकर काम करें। आतंकवाद के नापाक इरादों को कभी सफल नहीं होने देना है और शांति और सद्भाव के मूल्यों को हमेशा सर्वोपरि रखना है।

आइए, हम सब मिलकर उन शहीदों को नमन करें और उनके परिवारों के दुख में सहभागी बनें। उनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी और हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। यह पहलगाम में खोई हुई 26 अनमोल जिंदगियों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Pahalgam Terror Attack: शादी के छह दिन बाद शहादत: लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की बहादुरी और पत्नी हिमांशी की दिल छू लेने वाली विदाई,हनीमून से शहीद तक हिमांशी नरवाल की आँखों के सामने बिछड़ा जीवनसाथी

Pahalgam Terror Attack
शादी के छह दिन बाद शहादत: लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की बहादुरी और पत्नी हिमांशी की दिल छू लेने वाली विदाई:-

16 अप्रैल को शादी, 22 अप्रैल को शहादत — ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की सच्ची और बेहद भावुक कर देने वाली दास्तान है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

हरियाणा के करनाल जिले से ताल्लुक रखने वाले 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने 16 अप्रैल को हिमांशी से शादी की थी। तीन दिन बाद रिसेप्शन हुआ और फिर दोनों हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम रवाना हो गए। लेकिन किसे पता था कि ये हनीमून एक ऐसी त्रासदी में बदल जाएगा, जो देश की आंखें नम कर देगा।

सोमवार को दोनों बायसरण की खूबसूरत वादियों में ‘भेलपुरी’ खा रहे थे कि तभी एक आतंकी ने अचानक हमला कर दिया और लेफ्टिनेंट नरवाल को सिर में गोली मार दी। हिमांशी की आंखों के सामने उनके जीवनसाथी की जान चली गई। चेहरा खून से सना था, और वो कहती रहीं, “हम भेलपुरी खा रहे थे, तभी एक आदमी आया और मेरे पति को गोली मार दी।”

अगले दिन जब शहीद विनय नरवाल का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया, तब हिमांशी उनके ताबूत के पास खड़ी थीं। आंखों में आंसू, दिल में तूफान, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने पति को सैल्यूट किया और ऊँची आवाज़ में कहा — “जय हिंद।”

हिमांशी ने ताबूत के सामने सिर झुकाकर श्रद्धांजलि दी, फिर रोती हुई बोलीं, “उनकी आत्मा को शांति मिले… हम उन्हें हर तरह से गर्व महसूस कराएंगे। यह उन्हीं की वजह से है कि दुनिया आज भी ज़िंदा है।”

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी इस मौके पर मौजूद रहीं और हिमांशी को ढांढस बंधाया। इस हमले में विनय समेत 26 लोग शहीद हुए, जिनमें एक खुफिया ब्यूरो के अधिकारी भी शामिल थे।

विनय के दादा हवा सिंह, जो खुद बीएसएफ के रिटायर्ड अधिकारी हैं, ने बताया कि विनय बचपन से ही देश की सेवा करना चाहता था। “मैंने उसे कई बार समझाया कि बॉर्डर ड्यूटी कितनी कठिन होती है, लेकिन वो नहीं माना,” उन्होंने कहा।

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका साहस, समर्पण और बलिदान हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा। और हिमांशी — उन्होंने जिस तरह अपने पति को अंतिम सलामी दी, वो पूरे देश को एक नई प्रेरणा दे गईं।