Pahalgam Attack: पहलगाम हमला: पीएम मोदी का एक्शन प्लान क्या है? क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

Pahalgam Attack पहलगाम हमला: पीएम मोदी का एक्शन प्लान क्या है? क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

पहाड़ों की शांति में बहा लहू, अब पूरे देश की आंखों में आंसू और दिल में गुस्सा है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केवल निर्दोष पर्यटकों पर नहीं था, यह हमारे देश की आत्मा पर चोट थी। 26 नागरिकों की निर्मम हत्या ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया है। अब देश पूछ रहा है – “अब क्या होगा?”

पीएम मोदी का भावुक और निर्णायक रुख

इस हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का आधिकारिक दौरा बीच में ही रद्द कर दिया और तुरंत भारत लौट आए।
दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते वक्त उनके चेहरे पर सिर्फ दुःख ही नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था – “अब कुछ बड़ा होगा।”

पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में यह शायद पहली बार है जब पीएम मोदी ने किसी अंतरराष्ट्रीय दौरे को बीच में छोड़ा हो – ये दिखाता है कि हालात कितने गंभीर हैं।

CCA बैठक और रणनीतिक हलचलें

आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCA) की बैठक होने वाली है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री अमित शाह, और सेना प्रमुख शामिल होंगे।

  • अमित शाह पहले ही जम्मू-कश्मीर पहुंच चुके हैं और ग्राउंड रिव्यू ले रहे हैं।

  • अजीत डोभाल पूरे सुरक्षा ऑपरेशन को मॉनिटर कर रहे हैं।

  • RAW, IB और गृह सचिवों की मीटिंग लगातार चल रही है।

इससे साफ है कि कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं, बल्कि ठोस प्लानिंग के बाद ही लिया जाएगा

पुलवामा जैसी कार्रवाई संभव?

2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने POK में एयर स्ट्राइक कर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। उस समय भी दिल्ली से श्रीनगर तक गुप्त बैठकें और सैन्य हलचलें तेज़ हुई थीं।
आज की स्थिति भी कुछ-कुछ वैसी ही प्रतीत हो रही है।

क्या भारत एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसे विकल्पों की ओर बढ़ रहा है?

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ खड़े होने की बात कही है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।

ऐसे माहौल में भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर भी मजबूती मिल रही है।

अब आगे क्या?

अगला कदम सुरक्षा बलों की कार्यवाही पर निर्भर करता है।
गुप्त ऑपरेशन, सीमावर्ती कार्रवाई या कूटनीतिक दबाव – हर विकल्प खुला है।
सबसे अहम बात यह है कि भारत अब सहन नहीं करेगा।

निष्कर्ष:

पहलगाम हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, पर उसका जवाब देना हर राष्ट्र की ज़िम्मेदारी है।
पीएम मोदी का रुख बता रहा है कि अब सिर्फ निंदा नहीं, कार्रवाई होगी – और वह निर्णायक होगी।

क्या हो सकती है सर्जिकल स्ट्राइक?

2016 में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
उड़ी हमले के बाद 29 सितंबर 2016 को भारत ने पीओके (पाक-अधिकृत कश्मीर) में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
भारतीय सेना ने एलओसी पार कर आतंकवादियों के लॉन्चपैड्स को तबाह किया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।

अब पहलगाम हमले के बाद क्या सर्जिकल स्ट्राइक हो सकती है, खुफिया एजेंसियों को सही जानकारी मिलती है कि हमले के पीछे कौन था,लक्ष्य (टेरर कैम्प, लॉन्चपैड्स आदि) की सही लोकेशन कन्फर्म होती है,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को नैतिक समर्थन मिलता है (जो अभी मिल रहा है),भारत के पास कई विकल्प हैं, लेकिन निर्णय रणनीतिक सोच, खुफिया जानकारी और राजनीतिक इच्छाशक्ति पर आधारित होगा।
पहलगाम जैसे हमले का जवाब देना ज़रूरी है – और सर्जिकल स्ट्राइक एक प्रभावी विकल्प हो सकता है।

 

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